
ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने और अज्ञात स्थानों तक पहुंचने की हमारी जिज्ञासा सदियों से बनी हुई है। जब हम ब्रह्मांड की विशालता और उसमें मौजूद खगोलीय पिंडों की संख्या के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में हमेशा एक सवाल उठता है कि क्या ब्रह्मांड में कोई ऐसी जगह है जहां हम अमर हो सकते हैं, जहां समय रुक जाता है और उम्र वही रहती है? ? वैज्ञानिकों और खगोलविदों ने इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए कई सिद्धांत और शोध किए हैं और कुछ जगहें हैं जो इस सिद्धांत को सच साबित करती हैं।
आज हम एक ऐसी ही खास जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। वह स्थान जहां समय का भ्रम अपने आप में सिमट जाता है वह ब्लैक होल है। लेकिन सवाल ये है कि क्या हम सच में ब्लैक होल तक पहुंचकर अमर हो सकते हैं? हमें बताओ।
एक ऐसी जगह जहां उम्र रुक जाती है
ब्लैक होल एक खगोलीय पिंड है, जहां गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि कोई भी प्रकाश या अन्य कोई चीज इससे बच नहीं सकती है। इसे ‘ब्लैक होल’ नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल है कि इससे निकलने वाली कोई भी रोशनी, जिसे हम अन्य खगोलीय पिंडों से देखते हैं, ‘अदृश्य’ हो जाती है।
ब्लैक होल की परिकल्पना सबसे पहले 1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन की सापेक्षता की सामान्य परिकल्पना द्वारा की गई थी, लेकिन खगोलविदों को पहली बार ब्लैक होल का ठोस सबूत तब मिला जब उन्हें केम्पर केबलर और रोनाल्ड नॉर्मन उपग्रहों द्वारा देखा गया। तब से ब्लैक होल एक खगोलीय रहस्य बन गया है, जिसके बारे में वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं।