
दिवाली 2024: हमारे देश में त्योहारों और अन्य खास मौकों पर सोना खरीदने (Investment in Gold) की परंपरा का खास महत्व है. दिवाली, धनतेरस, अक्षय तृतीया जैसे कई त्योहारों पर सोना खरीदने का महत्व है। इस साल भी कई लोग धनतेरस पर सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं। तो पहले जानिए कि आपको किस तरह के सोने पर कितना टैक्स (Tax On Gold) देना होगा।
धनतेरस (Dhanteras पर सोने में निवेश) पर कई लोग सोने के सिक्के, डिजिटल सोना, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। सोने पर टैक्स लगता है. फिजिकल गोल्ड और डिजिटल गोल्ड पर एक समान टैक्स लगाया गया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर लागू टैक्स नियम अलग हैं।
भौतिक सोना
डिजिटल सोने और भौतिक सोने पर समान रूप से कर लगाया जाता है। यदि सोना खरीद के तीन साल के भीतर बेचा जाता है, तो इसे करदाता की कुल कर योग्य आय में जोड़ा जाता है। जब सोना तीन साल के बाद बेचा जाता है तो इसे दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ माना जाता है। ऐसे में इस पर 20 फीसदी + 8 फीसदी सेस देना होगा.
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड
अगर आपने भी ईटीएफ में निवेश किया है तो आपको इसकी आय पर अपने इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स देना होगा। आप इसे तीन साल से पहले बेचते हैं या नहीं, इसका कर गणना पर कोई असर नहीं पड़ता है।
सॉवरेन गोल्ड बांड
इस विकल्प में टैक्स के विकल्प अलग-अलग हैं. यदि इसे खरीद के तीन साल के भीतर द्वितीयक बाजार में बेचा जाता है, तो आपको अपने आयकर स्लैब के अनुसार कर का भुगतान करना होगा। अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को तीन साल तक रखने के बाद बेचते हैं तो इंडेक्सेशन के बाद आपको इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि 8 वर्ष होती है। अगर खरीदार इसे मैच्योरिटी तक अपने पास रखता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस विकल्प में पांच साल के बाद शीघ्र मोचन विकल्प भी है।