
मिथक बनाम तथ्य: जब कोई महिला गर्भवती होती है और उस दौरान बाल कटवाने से बच्चे की आंखों की रोशनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आज इस आर्टिकल में हम इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे। इसमें कितनी सच्चाई है? जब किसी महिला के गर्भ में बच्चा होता है तो आस-पास और परिवार के लोग उसे कई तरह के नियम समझाते हैं। हम अक्सर अपने परिवार में कभी न कभी कुछ बातें कहते हुए सुनते हैं। ये बातें दशकों से चली आ रही हैं, सिर्फ प्रेग्नेंसी को लेकर ही नहीं बल्कि कई चीजों को लेकर। जिसके बारे में लोग अक्सर बातें करते रहते हैं. ऐसे मामलों पर ‘एबीपी लाइव हिंदी’ ने एक खास सीरीज लॉन्च की है.
दरअसल, हमारे भारतीय समाज में ऐसी कई चीजें हैं। जिसके पीछे कोई तर्क नहीं है, लेकिन लोग इसे सच मानते हैं और आंख मूंदकर इसका पालन करते हैं। ‘मिथ बनाम फैक्ट्स सीरीज’ आपको अंधविश्वास के दलदल से निकालकर सच्चाई से रूबरू कराने का एक प्रयास है।
मिथक: गर्भावस्था के दौरान बाल काटने से बच्चे की आंखों को नुकसान पहुंचता है
तथ्य: जब आप गर्भवती होती हैं, तो आपके शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जो आपके बालों को प्रभावित करते हैं। गर्भावस्था के कारण बाल झड़ने लगते हैं। इसके अलावा बाल भी कमजोर हो जाते हैं। हार्मोनल बदलाव से बालों पर बुरा असर पड़ सकता है. जिसके कारण इस दौरान बाल काटना वर्जित है। इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है. हार्मोनल बदलाव के कारण बाल पहले से ही कम हो जाते हैं और अगर उन्हें काटा भी जाए तो उनकी मात्रा बिल्कुल कम हो जाती है। डिलीवरी के बाद भी बाल झड़ने लगते हैं। इसलिए बाल काटना वर्जित है। ऐसा कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है कि बाल कटाने से अजन्मे बच्चे को नुकसान हो सकता है।