
दिवाली 2024 हेल्थ टिप्स : दिवाली का त्योहार जीवनशैली में कई बदलाव लेकर आता है। इस समय लू के बाद ठंड का मौसम शुरू हो जाता है। इस समय एसी और पंखे साफ करके रख दिए जाते हैं और कंबल, गर्म कपड़े निकाल लिए जाते हैं। सफाई से निकलने वाले सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, धूल और पटाखों जैसे रसायन हवा में मिल जाते हैं और मरीजों की सांस संबंधी समस्याएं बढ़ा देते हैं।
पटाखों के धुएं और ठंड के कारण महीन धूल यानी निलंबित कण छाती और फेफड़ों की नसों में सिकुड़न पैदा करते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। कुछ उपाय अपनाकर अपनी सेहत को बिगड़ने से रोका जा सकता है।
दिवाली में इन उपायों से रोकें अस्थमा अटैक
- आतिशबाजी से दूर रहें
आतिशबाजी से वायु प्रदूषण होता है। इससे निकलने वाला धुआं अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए जितना हो सके दूर रहें। पेंट, वार्निश, धूल, सफाई उत्पादों और एलर्जी से बचें।
- मास्क पहनें
दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, जिससे अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि मास्क जरूर पहनें। बाहर निकलते समय अपना मुंह और नाक ढक कर रखें। नाक मुंह और गले को थोड़ा-थोड़ा करके साफ करें। इससे धूल और धुएं से होने वाली घुटन से राहत मिलेगी।
- घर में रहना
दिवाली के दौरान प्रदूषित हवा के संपर्क से बचने के लिए घर के अंदर रहना चाहिए और खिड़कियां बंद रखनी चाहिए। शाम के समय बिल्कुल भी घर से बाहर न निकलें। धूल और धुएं के कणों से खुद को बचाएं।
- केवल स्वस्थ भोजन ही खाएं
दिवाली के दौरान अस्थमा अटैक से बचने के लिए अपने खान-पान का ख्याल रखें। गर्म दूध, चाय कॉफी, गर्म पानी, हरी चाय, अदरक तुलसी चाय और गर्म भोजन खूब पियें। कोशिश करें कि ठंडा पानी, आइसक्रीम, ठंडा खाना न खाएं।
- व्यायाम करें , तनाव से बचें
अस्थमा के मरीजों के लिए तनाव खतरनाक हो सकता है, इसलिए तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान करें। नियमित रूप से व्यायाम करें। इससे अस्थमा के मरीजों की सांस लेने की क्षमता बढ़ सकती है।
- दवाइयाँ लो
अस्थमा के रोगियों को अपनी दवाएँ नियमित रूप से लेनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए। अपनी दवाएं, इन्हेलर, नेब्युलाइज़र आदि अपने साथ रखें। सावधानियों के संबंध में डॉक्टर से सलाह लें। सांस लेने में तकलीफ, खुजली, सीने में दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करने से बचें।