
मोटापा इस समय दुनिया में एक महामारी की तरह फैल रहा है। जिसे देखो वही मोटा होने को लेकर चिंतित है। देखा जाए तो आजकल लोग वजन बढ़ाने की बजाय वजन कम करने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। मोटापे के वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन असंतुलित आहार इसका एक मुख्य कारण माना जाता है।

जहां तक नए जमाने की बात है तो न केवल ज्यादा खाने से मोटापा बढ़ता है, बल्कि तनाव और अन्य कारक भी इसे बढ़ाते हैं। आइए जानें शरीर पर अतिरिक्त वजन बढ़ने के लिए कौन सी चीजें जिम्मेदार हो सकती हैं।

मोटापे का एक प्रमुख कारण पारिवारिक इतिहास कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि माता-पिता से विरासत में मिले जीन कम खाने के बावजूद कुछ लोगों को मोटापे का शिकार बनाते हैं। यदि परिवार में अधिक वजन होने का इतिहास है, तो अगली पीढ़ी के बच्चे भी अधिक वजन से पीड़ित होंगे।

तनाव, चिंता ये सभी चीजें दिमाग से जुड़ी हैं लेकिन इसका मोटापे से गहरा संबंध है। पिछले कई अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग अत्यधिक तनाव से पीड़ित होते हैं उनमें मोटापे का खतरा अधिक होता है।

जब शरीर में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल सक्रिय होता है, तो व्यक्ति खुद को ज्यादा खाने से नहीं रोक पाता है। इस हार्मोन के कारण नींद पर भी असर पड़ता है और खान-पान बहुत ज्यादा हो जाता है और ऐसे में वजन बढ़ना स्वाभाविक है।

आज की जिंदगी में जहां लोगों के पास हाथ-पैरों की एक्सरसाइज करने का समय नहीं है, ऐसे में शरीर पर अतिरिक्त चर्बी आम हो गई है। जीवन में नई तकनीक के कारण काम करने की आदतें कम होती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में शारीरिक मेहनत कम हो जाती है और चर्बी बढ़ जाती है। इसलिए, प्रतिदिन लगभग 30 मिनट का व्यायाम आवश्यक माना जाता है। व्यायाम की कमी न केवल वजन बढ़ाती है बल्कि मधुमेह, हृदय और बीपी संबंधी बीमारियों को भी निमंत्रण देती है।

सिर्फ बीमारी ही नहीं, बल्कि बीमारी के कारण ली जाने वाली दवाएं भी कभी-कभी वजन बढ़ाने का कारण बनती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कई बीमारियों के लिए दी जाने वाली एंटीडिप्रेसेंट-स्टेरॉयड दवाएं वजन बढ़ाने का कारण बन सकती हैं।